मानवता को जीवित रखने के लिए गीता के श्लोकों का मनन जरूरी – कप्तान सिंह सोलंकी जी कुरुक्षेत्र (विसंकें). पंजाब व हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता भारत का विचार है. इसे पवित्र धर्म ग्रंथ ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता की आस्था और जीवन ग्रंथ भी माना जाता है. इसलिए मानवता को जीवित रखने के लिए आज गीता के श्लोकों का मनन करना बहुत जरूरी है. अगर देश में पवित्र ग्रंथ गीता को लोग नहीं जानेंगे, इस ग्रंथ का अनुसरण नहीं करेंगे, तो वह व्यक्ति भारतीय नहीं कहलाया जा सकता. जन-जन तक गीता के उपदेश पहुंचाने के उद्देश्य से हरियाणा के हर जिला मुख्यालय पर गीता जयंती समारोह मनाने का निर्णय सरकार ने लिया है और कुरुक्षेत्र के राज्यस्तरीय समारोह में पहली बार 1100 लोगों द्वारा सम्पूर्ण गीता पारायण पाठ से उत्सव का आगाज़ किया जा रहा है. राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी वीरवार को पुरूषोत्तमपुरा बाग में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड व विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के तत्वाधान में कुरूक्षेत्र उत्सव गीता जयंती राज्य स्तरीय समारोह के उद्घाटन सत्र में सम्पूर्ण गीता पारायण पाठ कार्यक्रम में बोल रहे थे. इससे पूर्व सुबह के सत्र में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, लाडवा विधायक डॉ. पवन सैनी, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पूजा भारती, विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह आदि गणमान्य लोगों ने पवित्र ग्रंथ गीता की पूजा कर और दीप प्रज्ज्वलित कर गीता पाठ को शुरू किया. राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह की महक देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में फैल रही है. पवित्र ग्रंथ गीता का जन्म 5152 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की ही पावन धरा पर हुआ. इस अंतराल के दौरान विश्व में अनेकों घटनाएं घटीं, लाखों पुस्तकें लिखी गर्इं. लेकिन आज भी पवित्र ग्रंथ गीता से ज्यादा महत्व किसी का नहीं हुआ है. गीता आज भी समकालीन, प्रासंगिक और याद रखने वाला ग्रंथ है. उन्होंने कहा कि भारत को जानने के लिए गीता का अध्ययन करना जरूरी है. गीता के पाठ से समाज को नई दिशा दी जा सकती है. नर से नारायण बनाने, भारतीय बनने और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गीता को जानना जरूरी है. आज समाज में प्रत्येक व्यक्ति को अर्जुन बनाने के लिए गीता के विचारों का ग्रहण करना जरूरी है. गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह की प्रदेशवासियों को बधाई दी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में गीता जयंती समारोह का आयोजन करने का अनूठा, ऐतिहासिक और प्रेरक निर्णय लिया है. पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवतगीता धर्मग्रंथ ही नहीं, सम्पूर्ण मानवता की आस्था, जीवन ग्रंथ, शांति, सदभावना, मानवता और मुस्कान तथा हर समस्या के समाधान का ग्रंथ है. इस पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने और मानव कल्याण के लिए राज्य सरकार का यह निर्णय कल्याणकारी सिद्ध होगा. गीता का जन्म कुरुक्षेत्र की भूमि से हुआ और यह हरियाणा प्रदेश का गौरव बना. इसलिए हरियाणा का अधिकार है कि पवित्र ग्रंथ गीता को विश्व के पटल पर रखें और पूरी दुनिया को एक मार्ग प्रशस्त करें. उत्सव का आरंभ बच्चों, संस्थाओं, प्रशासन आदि के प्रयासों से 1100 लोगों ने तीन घंटे तक गीता के 700 श्लोकों को लेकर सम्पूर्ण गीता पारायण पाठ से किया गया. जीओ गीता संस्थान की तरफ से पहली बार कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह 2015 में पवित्र ग्रंथ गीता पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया है. उन्होंने कहा कि जीओ गीता संस्थान की प्रदर्शनी में जिन-जिन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों ने पवित्र ग्रंथ गीता का मनन किया और गीता पर अपने विचार लिखे, उन स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो और सामग्री को भी प्रदर्शनी में सजाया गया है. इतना ही नहीं, देश के जिन महान नेताओं व विदेशी लेखकों ने गीता पर लेख लिखे हैं, उनके दस्तावेजों को भी प्रदर्शनी में रखा गया है. गृह मंत्रालय से आए महेश शर्मा, वृदांवन से केशव शरण, दिल्ली से अविनाश पांडेय ने बताया कि विश्व में 52 तरह की लिपियों में पवित्र ग्रंथ गीता को लिखा गया है. इन तमाम लिपियों में लिखी गई गीता के साक्षात दर्शन कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह में जीओ गीता की प्रदर्शनी में मिलेंगे. जीओ गीता की प्रदर्शनी में दो फुट लम्बा व दो फुट चौड़ा वाराणसी से आने वाला पवित्र ग्रंथ गीता मुख्य आकर्षण का केंद्र बना. कुरुक्षेत्र में 17 से 21 दिसम्बर के बीच होने वाले गीता जयंती उत्सव के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत, पालि एवं प्राकृत विभाग तथा संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान की ओर से 18 दिसम्बर को एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश व दुनिया से 2000 से अधिक गीता मनीषी भाग लेंगे. कुरुक्षेत्र की कई धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में होने वाली संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी मुख्यातिथि होंगे व गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज अपना आर्शीवचन देंगे. संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश जोशी (भय्या जी) करेंगे, विश्वविद्यालय के कुलपति हरदीप कुमार स्वागत उद्बोधन देंगे.