मदर टेरेसा का ईसाई मिशनरीज

कानून के विरोध में ईसाई मिशनरियों ने कोलकाता में प्रदर्शन करने व जुलूस निकालने शुरु किये। लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ, जब मदर टेरेसा भी इन प्रदर्शनों में अग्रिम पंक्तियों में देखी गईं। मदर टेरेसा सेवा कार्यों में लगी हुई थीं, उनका विदेशी पैसे के बल पर मतान्तरण के काम में लगे इन ईसाई समूहों से क्या सम्बंध था ? फिर यह कानून तो सभी समुदायों को एक साथ प्रभावित कर रहा था, केवल ईसाई मिशनरियां ही इसको लेकर इतनी उत्तेजित क्यों हैं ? ऐसे सभी प्रश्न उन दिनों ही उठने लगे थे। मदर टेरेसा व्यक्तिगत रुप से कैथोलिक ईसाई हो सकतीं हैं, लेकिन एक योजना से मतान्तरित करवा रहे ईसाई संगठनों से उनका गहरा सम्बंध और तालमेल है, ऐसे संकेत इन प्रदर्शनों में भाग लेने के बाद ही मिलने लगे थे।

डा कुलदीप चन्द अग्निहोत्री

मदर टेरेसा एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई हैं। वैसे तो वे जीवन भर विवादों के घेरे में ही रहीं, लेकिन उनको लेकर भारी विवाद तब शुरु हुआ था जब अरुणाचल प्रदेश की सरकार ने अपने राज्य में जनजाति समुदाय के लोगों की सनातन परम्पराओं की रक्षा के लिये कानून बना दिया था, राज्य में कोई भी व्यक्ति भय, लालच अथवा धोखे से अपना मत परिवर्तन नहीं कर सकता। दरअसल इसाई मिशनरियां राज्य में विदेशी पैसे के बल से राज्य की विभिन्न जनजातियों के लोगों को ईसाई मजहब में दीक्षित कर रहीं थीं। इससे विभिन्न जनजातियों में आपसी तनाव तो बढ़ ही रहा था, एक ही जनजाति के बीच भी सामाजिक रिश्ते चरमराने लगे थे। एक जनजाति का वह समूह जो मतान्तरित हो जाता था, वह जनजाति के रीति रिवाजों और परम्पराओं का उपहास उड़ाने लगता था और जो समुदाय अपनी सनातन परम्पराओं से जुड़ा हुआ था, वह इसका विरोध करता था। सीमान्त राज्य में इस प्रकार का सामाजिक तनाव भविष्य में घातक सिद्ध हो सकता था, इसको ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार ने यह क़ानून बनाया था।

लेकिन इस क़ानून के विरोध में ईसाई मिशनरियों ने कोलकाता में प्रदर्शन करने व जुलूस निकालने शुरु किये। लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ, जब मदर टेरेसा भी इन प्रदर्शनों में अग्रिम पंक्तियों में देखी गईं। मदर टेरेसा सेवा कार्यों में लगी हुई थीं, उनका विदेशी पैसे के बल पर मतान्तरण के काम में लगे इन ईसाई समूहों से क्या सम्बंध था? फिर यह क़ानून तो सभी समुदायों को एक साथ प्रभावित कर रहा था, केवल ईसाई मिशनरियां ही इसको लेकर इतनी उत्तेजित क्यों हैं ? ऐसे सभी प्रश्न उन दिनों ही उठने लगे थे। मदर टेरेसा व्यक्तिगत रुप से कैथोलिक ईसाई हो सकतीं हैं, लेकिन एक योजना से मतान्तरित करवा रहे ईसाई संगठनों से उनका गहरा सम्बंध और तालमेल है, ऐसे संकेत इन प्रदर्शनों में भाग लेने के बाद ही मिलने लगे थे।

इस विवाद के उठने के बाद ही उन दिनों यह प्रश्न गर्माया था कि मदर टेरेसा सेवा के कार्य में लगीं हैं, उन्हें मजहबी संकीर्णता से उपर उठकर कार्य करना चाहिये, न कि मिशनरियों के सहायक बन कर। तब मदर टेरेसा के समर्थकों ने विदेशों में भी शोर मचाना शुरु कर दिया था कि इतनी सेवा करने के बाद भी भारत में उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा। इस पृष्ठभूमि में मदर टेरेसा की सेवा को लेकर प्रश्न उठने शुरु हो गये थे। मदर टेरेसा की सेवा की चर्चा करते हुये दो भारतीय सन्दर्भ ध्यान में आते हैं। उन सन्दर्भों के प्रकाश में मदर टेरेसा की सेवा गतिविधियों को सही रुप में समझा जा सकता है। मदर टेरेसा ने अपना सेवा कार्य पश्चिमी बंगाल के कोलकाता से शुरु किया था। इसी प्रकार भगत पूर्ण सिंह ने अपना सेवा कार्य पंजाब के अमृतसर से शुरु किया था। उन्होंने लूले, लंगडों, अपंगों और दीन दुखियों के लिये जो पिंगलबाडा शुरु किया, उसके कारण उनका नाम ही पूर्ण सिंह पिंगलबाडा पड़ गया। इसी प्रकार का एक तीसरा सेवा कार्य बाबा आमटे ने शुरु किया था। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि एक समय में ही तीन महापुरुष सेवा कार्य में लगे थे। इनमें से भगत पूर्ण सिंह और बाबा आमटे तो भारतीय थे, इसलिये उनकी सेवा की अवधारणा और संस्कार भी भारतीय थे, लेकिन मदर टेरेसा अलबीनिया की रहने वाली थीं, इसलिये उनके संस्कार और सेवा की अवधारणा भी अहल-ए-किताब पर आधारित थी।

पूर्ण सिंह या बाबा आमटे ने सेवा को मजहबी प्रचार या श्रेष्ठता के लिये कभी प्रयोग नहीं किया। उनके प्रकल्पों और आश्रमों में सेवा कार्य पूरी तरह पंथ निरपेक्ष था। मदर टेरेसा के बारे में भी कहा जा सकता है कि उनके आश्रमों में भी आने वाले दीन दुखियों की सेवा पंथ निरपेक्ष भाव से ही होती थी। आश्रम में आते समय किसी से पूछा नहीं जाता था कि वह हिन्दू है, सिक्ख है या ईसाई है ? लेकिन आख़िर मदर टेरेसा यह सेवा क्यों कर रही थी ? यह अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न है। लेकिन यह प्रश्न अकेले मदर टेरेसा से ही तो नहीं पूछा जा सकता। यह प्रश्न तो फिर बाबा आमटे और भगत पूर्ण सिंह से भी पूछा जा सकता है। इसके उत्तर से ही भगत पूर्ण सिंह और बाबा आमटे की सेवा और मदर टेरेसा की सेवा में अन्तर दिखाई देने लगता है। भगत पूर्ण सिंह की सेवा का उद्देश्य केवल दीन दुखी की सेवा करना ही था। उन्हें इसी से आनन्द मिलता था। सेवा से उनकी आत्मा तृप्ति होती है। सेवा ही परम सुख का मार्ग है। यही स्थिति बाबा आमटे की थी। लेकिन मदर टेरेसा के मामले में बात दूसरी है, सेवा वे जरुर करती थीं। लेकिन सेवा उनका साध्य नहीं था। उनका साध्य तो दीन दुखियों को सेवा से प्रभावित करके अन्ततः प्रभु यीशु की शरण में ले जाना, क्योंकि मदर टेरेसा यह विश्वास करती हैं कि प्रभु यीशु मसीह ही सभी के पापों को धारण कर सकते हैं। यही कारण है कि मदर टेरेसा के लिये सेवा साध्य नहीं, बल्कि एक दूसरे साध्य या उद्देश्य को प्राप्त करने का साधन मात्र है। लेकिन इसमें मदर टेरेसा का दोष नहीं है। यह उनके अपने देश और मजहब के संस्कारों का फल है।

लेकिन प्रश्न पैदा होता है कि भगत पूर्ण सिंह और बाबा आमटे आख़िर ऐसा क्यों नहीं करते थे? उसका कारण उनके भारतीय संस्कार थे, जिसमें कहा गया है कि स: एकोसद् विप्रा बहुधा वदन्ति। अर्थात ईश्वर तो एक ही है, विद्वान लोग उसे अलग अलग प्रकार से कहते हैं। इस संस्कार के बाद भगत पूर्ण सिंह सेवा करने के बाद दीन दुखी को पकड़ कर किस की शरण में ले जाते ? क्योंकि पूर्ण सिंह जानते हैं, सामने वाला व्यक्ति जिस भी इष्टदेव की शरण में बैठा है, वह सब एक ही है। अज्ञानी लोग उसे अलग अलग समझने की भूल कर बैठते हैं। विद्वान लोग उसे अलग नामों से पुकारते तो हैं लेकिन उसे अलग समझते नहीं। परन्तु मदर टेरेसा ज्ञान और सेवा की उस ऊँचाई तक नहीं पहुँच सकी, जिस ऊँचाई तक भगत पूर्ण सिंह और बाबा आमटे पहुँच गये थे। एक भक्त बिना किसी स्वार्थ के भगवान की आराधना करता है। और दूसरा भक्त किसी इच्छा की पूर्ति के लिये भगवान की आराधना करता है। दोनों आराधनाओं में से वही आराधना श्रेष्ठ मानी जाती है जो बिना किसी इच्छा या कामना से की जाये। यही स्थिति सेवा की है। एक व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ से दीन दुखी की सेवा करता है और दूसरा अपने स्वार्थ के लिये सेवा का काम करता है। सेवा तो दोनों ही हैं, लेकिन पहले प्रकार की सेवा उत्तम कोटि में आती है। क्योंकि दूसरे प्रकार की सेवा में, जब सेवा करने वाले की कामना पूरी हो जाती है अर्थात सेवा के नाम पर जिसकी देखभाल की जा रही है, जब वह चर्च में पहुँच जाता है तो सेवा का फल अपने आप समाप्त हो जाता है। भगत पूर्ण सिंह और बाबा आमटे की सेवा पहले प्रकार की थी और मदर टेरेसा की सेवा दूसरे प्रकार की थी।

शुरु में मदर टेरेसा द्वारा की जा रही इस रंगदार सेवा के पीछे की भावना लोगों की पकड़ में नहीं आई, क्योंकि भारत के लिये सभी का मूल्याँकन अपने संस्कारों और मानदंडों से ही करते हैं। लेकिन जब मदर टेरेसा खुले रुप में कोलकाता की सड़कों पर अरुणाचल प्रदेश की जनजातियों की सांस्कृतिक सुरक्षा के लिये बनाये गये कानून के खिलाफ घूमने लगी तो लोगों का चौंकना स्वाभाविक ही था। तभी उनके सेवा प्रकल्पों के पीछे छिपी ईसाई मिशनरियों की फ़ौज दिखाई देने लगी थी। उनकी इस गिरती साख को बचाने के लिये यूरोप और अमेरिकी चर्चों ने जोड़ तोड़ से नोबेल पुरस्कार इत्यादि का बन्दोबस्त किया। यूरोप के लोग इतना तो समझ ही चुके थे कि हिन्दोस्तान के लोगों में यूरोप से मिले तगमों इत्यादि का मोह और आतंक ग़ुलामी से मिली आजादी के दशकों बाद भी बरकरार है, इतना ही नहीं मदर टेरेसा के मरने के बाद भी उनको चमत्कारी इत्यादि बनाने के लिये कुछ हरकतें की जाने लगीं। किसी ने कहा कि मदर टेरेसा ने स्वप्न में उनका हाथ छू दिया तो उसका कैंसर समाप्त हो गया। इस प्रकार की एक दो घटनाएँ प्रचारित करने के बाद वेटिकन देश के राष्ट्रपति ने उसे मरने के बाद संत की उपाधि से विभूषित किया। यह सारा कुछ इसलिये किया गया कि मदर टेरेसा के मरने के बाद भी उसके नाम पर ही मतान्तरण का काम जारी रखा जा सके। जिस सेवा के पीछे इतनी लम्बी योजना हो और मरने के बाद भी उसे भुनाने के लिये शिष्य मंडली के लोग ही नहीं, बल्कि यूरोप के एक देश के राष्ट्रपति तक शामिल हों, उस सेवा का दर्जा क्या हो सकता है ? भगत पूर्ण सिंह या बाबा आमटे के शिष्यों को उनके मरने के बाद उनमें चमत्कारी शक्तियाँ आरोपित करने की जरुरत नहीं पड़ी। लेकिन इसे मदर टेरेसा का दुर्भाग्य ही कहना होगा कि उनके मरने के बाद भी विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे ।

पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने कहीं सेवा के विभिन्न प्रकारों का जिक्र करते हुये मदर टेरेसा का भी उल्लेख कर दिया। उसी को लेकर चर्च ने हो हल्ला मचा दिया। एक बात समझ से परे है। इस बार सोनिया गान्धी का परिवार खुल कर मदर टेरेसा की सेवा के पक्ष में खड़ा हो गया। उनके दामाद राबर्ट बढेरा ने बाकायदा मीडिया से बात कर इस पर दुख जाहिर किया। बेहतर हो राबर्ट बढेरा आँसू बहाने से पहले भगत पूर्ण सिंह और बाबा आमटे की जीवनी पढ़ लें।

लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं।

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समाज से विघटनकारी शक्तियों को करना होगा समाप्त – सीताराम व्यास जी

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छह मई को खुलेंगे श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट

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बिना किसी अपेक्षा के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना ही स्वयंसेवकों का ध्येय रहता है – इंद्रेश कुमार जी

शिमला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में महिलाएं सेविका समिति के माध्यम से काम रही है. उन्होंने कहा कि संघ का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक में चरित्र निर्माण करना है, इसके लिए ही यह वर्ग आयोजित किए जाते हैं. इसमें प्रशिक्षण लेकर स्वयंसेवक … Continue reading बिना किसी अपेक्षा के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना ही स्वयंसेवकों का ध्येय रहता है – इंद्रेश कुमार जी


-3 डिग्री तापमान में संघ का प्रशिक्षण ले रहे हैं स्वयंसेवक

शिमला. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कार्यकर्ता निर्माण के लिए वर्गों का विशेष महत्व है. ऐसे वर्गों से ही देश और समाज के लिए देशभक्त, अनुशासित, चरित्रवान और निःस्वार्थ भाव से काम करने वाले कार्यकर्ता तैयार होते हैं. वह समाज के प्रति संवेदनशील बनते हैं, जो संकट के समय सबसे पहले लोगों की मदद के लिए … Continue reading -3 डिग्री तापमान में संघ का प्रशिक्षण ले रहे हैं स्वयंसेवक


यह देश करुणा, सामंजस्य, समन्वय, शान्ति और धर्म का है – डॉ. कृष्ण गोपाल जी

नई दिल्ली (इंविसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने ‘सामाजिक समरसता और हिन्दुत्व’ एवं ‘दत्तोपंत ठेंगड़ी जीवन दर्शन व एकात्म मानववाद – खंड 7 व 8’ नाम से तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया. नई दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में सुरुचि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों के विमोचन के अवसर पर नेशनल … Continue reading यह देश करुणा, सामंजस्य, समन्वय, शान्ति और धर्म का है – डॉ. कृष्ण गोपाल जी


शिमला में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष शुरू

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) शिमला के हिमरश्मि विद्यालय परिसर में 08 जनवरी, दोपहर 12.30 बजे से शुरू हो गया है. वर्ग की कुल संख्या 206 है, जिसमें हिमाचल से 203 और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से तीन स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं. शिक्षार्थियों के लिए वर्ग विशेष रहने … Continue reading शिमला में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष शुरू


सबल समाज सब को साथ लेकर चलता है – सुरेश भय्या जी जोशी

श्रद्धेय भाऊ साहेब भुस्कुटे स्मृति व्याख्यानमाला टिमरनी मध्यभारत (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने कहा कि प.पू. बाला साहेब देवरस (तृतीय सरसंघचालक) का जीवन संघ का इतिहास है. उनके जीवन में संघ के अलावा और कुछ नहीं था. संघ कार्य को गति और दिशा देने वाले लोगों में उनका विशेष … Continue reading सबल समाज सब को साथ लेकर चलता है – सुरेश भय्या जी जोशी


वैभवशाली, शक्तिशाली, संगठित व स्वाभिमानी भारत बनाना है – दत्तात्रेय होसबले जी

रांची (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले जी ने कहा कि हमें वैभवशाली, शक्तिशाली, चरित्रवान एवं संगठित भारत बनाना है. जिस भारत मां ने हमें सब कुछ दिया है, उसके लिए हम भी कुछ करना सीखें. स्वयंसेवक इसी भाव को लेकर काम भी करता है. वह पूरे देश को अपना मानता है. काम करने … Continue reading वैभवशाली, शक्तिशाली, संगठित व स्वाभिमानी भारत बनाना है – दत्तात्रेय होसबले जी


संघ आत्मीयता, स्नेह व प्रेम बांटता है – बनवीर कुमार जी

करनाल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचारक बनवीर कुमार जी ने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने हमें संघ का जो मार्ग दिखाया, वह हमें आत्मीयता, स्नेह व प्रेम की भावना सीखाता है. संघ का काम व्यक्ति निर्माण (चरित्रवान व्यक्ति) का है, पहले यह काम घर-घर में … Continue reading संघ आत्मीयता, स्नेह व प्रेम बांटता है – बनवीर कुमार जी


वरिष्ठ प्रचारक सूर्यकृष्ण जी का निधन, चिकित्सा शोध हेतु देहदान

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सूर्यकृष्ण जी का 13 मार्च रविवार दोपहर 12.30 बजे निधन हो गया. उन्होंने नेत्रदान व देहदान का संकल्प लिया था. जिसके अनुसार नेत्रदान तथा देहदान की प्रक्रिया को पूरा किया गया. श्री सूर्यकृष्ण जी का जन्म 23 मई 1934 को मिंटगुमरी में हुआ था. उनके पिता … Continue reading वरिष्ठ प्रचारक सूर्यकृष्ण जी का निधन, चिकित्सा शोध हेतु देहदान


प्रतिनिधि सभा ने किया समाज में समरसता लाने का आह्वान – भय्या जी जोशी

नागौर, जोधपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने कहा कि समाज के अंदर भेदभावपूर्ण वातावरण चिंतनीय है. मीरा की धरती से अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने एक प्रस्ताव पारित कर समाज में समरसता लाने का आह्वान किया है कि प्रत्येक व्यक्ति को दैनंदिन जीवन में व्यक्तिगत, पारिवारिक, तथा सामाजिक स्तर पर … Continue reading प्रतिनिधि सभा ने किया समाज में समरसता लाने का आह्वान – भय्या जी जोशी


जयपुर में पुनः अपने मूल स्थान पर विराजे रोजगारेश्वर महादेव

जयपुर (विसंकें). त्रिवेणी धाम के पूज्य नारायणदास जी महाराज ने प्रातः 10.15 बजे रोजगारेश्वर महादेव की शिव पंचायत सहित पुनः मूल स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा की तो छोटी काशी हर-हर महादेव, बम-बम भोले के जयकारों से गुंज उठी. पूज्य नारायण दास जी महाराज ने कहा कि रोजगारेश्वर महादेव मन्दिर की पुर्नस्थापना हिन्दू समाज के लिए … Continue reading जयपुर में पुनः अपने मूल स्थान पर विराजे रोजगारेश्वर महादेव


नागौर में सरसंघचालक जी ने प्रतिनिधि सभा की बैठक का शुभारंभ किया

नागौर, जोधपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक शुक्रवार सुबह से नागौर (राजस्थान) में शुरू हो गई. प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक का विधिवत शुभारंभ सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने किया. तीन दिवसीय बैठक के दौरान देश व समाज से जुड़े अहम … Continue reading नागौर में सरसंघचालक जी ने प्रतिनिधि सभा की बैठक का शुभारंभ किया


पिछले एक वर्ष में बढ़ीं 5524 शाखाएं और 925 मिलन – डॉ. कृष्णगोपाल जी

नागौर, जोधपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि देशभर में संघ के कार्य में निरंतर वृद्धि हो रही है. पिछले एक वर्ष के दौरान 5524 शाखाएं तथा 925 मिलन (साप्ताहिक शाखा) बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 40922 शाखाएं थीं, जो वर्ष 2015 में बढ़कर 51335 … Continue reading पिछले एक वर्ष में बढ़ीं 5524 शाखाएं और 925 मिलन – डॉ. कृष्णगोपाल जी


सस्ती, सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी को प्राप्त हो – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा – 2016 नागौर, जोधपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और समरसता आचरण समाज में बढ़े इन विषयों पर चर्चा की जाएगी. बैठक में स्वयंसेवकों के गणवेश परिवर्तन पर भी निर्णय संभव … Continue reading सस्ती, सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी को प्राप्त हो – डॉ. मनमोहन वैद्य जी


समाज हित, राष्ट्र हित को सदैव प्राथमिकता में रखे मीडिया – डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी

चामुण्डा (हिमाचल प्रदेश). हिमाचल प्रदेश के चामुण्डा में उत्तर भारत के नवोदित पत्रकारों के लिए दस दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश के दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र तथा पत्रकारिता जनसंचार एवं नवमाध्यम विद्याशाखा के संयुक्त तत्वाधान में मातृवंदना संस्थान शिमला के सहयोग से किया जा … Continue reading समाज हित, राष्ट्र हित को सदैव प्राथमिकता में रखे मीडिया – डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी


हिन्दू समाज ने हमेशा सभी को संरक्षण ही दिया है – सुरेश भय्या जी जोशी

कर्णावती (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने कर्णावती (गुजरात) में आयोजित सामाजिक सदभाव बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दू समाज कभी भी विनाशकारी नहीं रहा है, इस समाज ने हमेशा सभी को संरक्षण ही दिया है. कालान्तर में हिन्दू समाज में कुछ दोष आ गए, क्योंकि उसे अपनी ही … Continue reading हिन्दू समाज ने हमेशा सभी को संरक्षण ही दिया है – सुरेश भय्या जी जोशी


गौभक्तों को सांप्रदायिक कहने वाले माफी मांगें – विहिप

शिमला (विसंकें). चंबा में गोहत्या प्रकरण के बाद विश्व हिंदू परिषद पर प्रशासन की ओर से की गयी विवादित टिप्पणियों के विरोध में सोमवार को विहिप के नेतृत्व में विभिन्न गौभक्त संगठनों ने प्रदेश के 42 स्थानों से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया. राज्यपाल आचार्य देवव्रत को ज्ञापन उपायुक्तों, उपमंडल दंडाधिकारियों एवं तहसीलदारों के माध्यम … Continue reading गौभक्तों को सांप्रदायिक कहने वाले माफी मांगें – विहिप


स्वयंसेवकों की सूझबूझ व बहादुरी से टला बड़ा हादसा

लुधियाना (पंजाब). लुधियाना में स्वयंसवेकों की सूझबूझ व बहादुरी के कारण बड़ा हादसा टल गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पंजाब के प्रांत प्रचारक किशोर कांत जी ने बताया कि  लुधियाना स्थित जनकपुरी संघस्थान पर शाखा लगने से कुछ समय पूर्व लगभग 6.25 पर संघस्थान के बाहर पेड़ की ओट में खड़े एक मोटरसाइकिल सवार से अपने … Continue reading स्वयंसेवकों की सूझबूझ व बहादुरी से टला बड़ा हादसा


विज्ञान में भारतीय छात्रों ने बनाया विश्व कीर्तिमान

नई दिल्ली. विज्ञान के एक प्रैक्टिकल में हिस्सा लेकर भारतीय छात्रों ने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाया है. भारतीय छात्रों द्वारा बनाए इस विश्व रिकार्ड का उल्लेख करते हुए गिनीज बुक ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि सबसे बड़े प्रायोगिक विज्ञान पाठ में दो हजार छात्रों ने हिस्सा लिया था और … Continue reading विज्ञान में भारतीय छात्रों ने बनाया विश्व कीर्तिमान


पुणे में शिवशक्ति संगम की तैयारियां पूरी, एक लाख से अधिक स्वयंसेवक होंगे सहभागी

पुणे (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत की ओर से आयोजित शिवशक्ति संगम की तैयारी पूरी हो चुकी है और इस महासांघिक के लिए पूरे प्रांत से (सरकारी सात जिलों से बना हुआ प्रांत) 1 लाख 20 हजार से अधिक स्वयंसेवक तथा 50 हजार से अधिक नागरिक बांधव उपस्थित रहेंगे. यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक … Continue reading पुणे में शिवशक्ति संगम की तैयारियां पूरी, एक लाख से अधिक स्वयंसेवक होंगे सहभागी


भारतीय चिन्तन हराने में नहीं, मन जीतने में विश्वास रखता है – सुरेश भय्या जी जोशी

इंदौर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विश्व के अन्य देशों में कार्यरत शाखा हिन्दू स्वयंसेवक संघ के पांच दिवसीय विश्व संघ शिविर-2015 का शुभारंभ 29 दिसंबर को इंदौर के एमरल्ड हाइट्स इंटरनेशनल में हुआ. शिविर का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी तथा लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन ने दीप प्रज्ज्वलन कर … Continue reading भारतीय चिन्तन हराने में नहीं, मन जीतने में विश्वास रखता है – सुरेश भय्या जी जोशी


सामाजिक समता से ही सामाजिक एकता आएगी – डॉ. मोहन भागवत जी

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने “सामाजिक समरसता” विषय पर व्याख्यान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के विकास के लिए सामाजिक एकता की आवश्यकता होती है और समाज में एकता की पूर्व शर्त है सामाजिक समता. जब समता आएगी तो सामाजिक एकता अपने आप आएगी. इसके लिए … Continue reading सामाजिक समता से ही सामाजिक एकता आएगी – डॉ. मोहन भागवत जी


मानवता को जीवित रखने के लिए गीता के श्लोकों का मनन जरूरी – कप्तान सिंह सोलंकी जी

कुरुक्षेत्र (विसंकें). पंजाब व हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता भारत का विचार है. इसे पवित्र धर्म ग्रंथ ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता की आस्था और जीवन ग्रंथ भी माना जाता है. इसलिए मानवता को जीवित रखने के लिए आज गीता के श्लोकों का मनन करना बहुत जरूरी … Continue reading मानवता को जीवित रखने के लिए गीता के श्लोकों का मनन जरूरी – कप्तान सिंह सोलंकी जी


संघ के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

आगरा (विसंकें). कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री द्वारा फेसबुक पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरूद्ध किए गए फर्जी पोस्ट मामले में आगरा पुलिस ने शुक्रवार को एफआईआर दर्ज कर ली है. सदर थाना में दर्ज हुई प्रथम सूचना रिपोर्ट में पुलिस ने डॉ. निर्मल खत्री व अन्य दो व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड … Continue reading संघ के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर


अंग्रेजों की शिक्षा प्रणाली ने युवाओं में देश​भक्ति की भावना समाप्त कर दी – डॉ. कृष्ण गोपाल जी

जयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल​ जी ने कहा कि आजादी से पहले अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया. उनकी शिक्षा पद्धति ने देश के युवाओं में देशप्रेम की भावना समाप्त कर दी. इसके कारण अपने ही देश के युवा देश के बारे में भला-बुरा कहने लगे. अंग्रेजों ने देश … Continue reading अंग्रेजों की शिक्षा प्रणाली ने युवाओं में देश​भक्ति की भावना समाप्त कर दी – डॉ. कृष्ण गोपाल जी


सभी को एक साथ लेकर चलना ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मूल मंत्र – इंद्रेश कुमार जी

इलाहाबाद (काशी). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एकता को अपना सूत्र माना है, जिसमें सबसे अहम सभी को एक साथ लेकर चलने का मूल मंत्र है. इंद्रेश जी रविवार को प्रयाग संगीत समिति में आयोजित एक दिवसीय तरूण संगम के उद्घाटन … Continue reading सभी को एक साथ लेकर चलना ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मूल मंत्र – इंद्रेश कुमार जी


हिप्र उच्च न्यायालय में अधिवक्ता परिषद ने संविधान दिवस मनाया

शिमला (विसंकें). 26 नवंबर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अधिवक्ता परिषद हिमाचल प्रदेश की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति धर्मचंद चौधरी रहे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायाधीश पीसी राणा, विशिष्ट अतिथि न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर रहे. परिषद … Continue reading हिप्र उच्च न्यायालय में अधिवक्ता परिषद ने संविधान दिवस मनाया


तीन माह में गोवध पर प्रतिबंध के लिए कानून बनाए केंद्र सरकार – हिप्र उच्च न्यायालय

शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को गौहत्या पर राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने कहा है कि गोवध, गोवंशियों के आयात-निर्यात और गोमांस व गोमांस से बने उत्पादों को प्रतिबंधित करने वाले कानून को देश भर में प्रभावी रूप से लागू … Continue reading तीन माह में गोवध पर प्रतिबंध के लिए कानून बनाए केंद्र सरकार – हिप्र उच्च न्यायालय


लोकगाथाओं में स्थित इतिहास को इतिहासकार भी नहीं बदल सकते – प्रेम कुमार धूमल

हमीरपुर । ठाकुर जगदेव चन्द स्मृति शोध संस्थान नेरी में ‘इतिहास लेखन में लोकगाथाओं का योगदान’ पर चल रहा त्रिदिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद रविवार 04 अक्तूबर को समाप्त हो गय। इस अवसर पर नेता विपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। धूमल ने कहा कि स्वर्गीय ठाकुर राम … Continue reading लोकगाथाओं में स्थित इतिहास को इतिहासकार भी नहीं बदल सकते – प्रेम कुमार धूमल


शिक्षक और विद्यार्थी एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव रखें – राज्यपाल आचार्य देवव्रत

शिमला (विसंकें)। विद्या भारती द्वारा संचालित हिमाचल शिक्षा समिति की नवीनीकृत वेबसाइट का शुभारंभ एवं चयनित विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्यों की शिमला में हिमरश्मि सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा तिलक लगाकर राज्यपाल का स्वागत किया … Continue reading शिक्षक और विद्यार्थी एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव रखें – राज्यपाल आचार्य देवव्रत


आधे सत्य पर पर्दा डालकर, अर्ध सत्य दिखाना देश, समाज के साथ धोखा

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि वर्तमान में क्षेत्र सूनामी के दौर से गुजर रहा है। समाचार जगत में मान-सम्मान, चकाचौंध सबकुछ है, पर, इसमें यथार्थ और सत्यता को भी टिकाए रखना है। वर्तमान समय में समाचार को सनसनीखेज बनाने की कोशिश करते हैं, आधे सत्य … Continue reading आधे सत्य पर पर्दा डालकर, अर्ध सत्य दिखाना देश, समाज के साथ धोखा


संघ यानि सामूहिकता, एकात्मता, आत्मीयता का बोध – सह सरकार्यवाह जी

सिलीगुड़ी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह वी भगैय्या जी ने कहा कि कभी नक्सलवाड़ी से गरीब श्रमजीवियों को ससम्मान जीने के लिये एक आंदोलन खड़ा किया गया था। जो माओवाद पर आधारित था। इस हिंसक आन्दोलन से समाज के गरीबों, शोषितों, मजदूरों और वनवासियों का किसी तरह का कोई हित साध्य नहीं हुआ। आज … Continue reading संघ यानि सामूहिकता, एकात्मता, आत्मीयता का बोध – सह सरकार्यवाह जी


दुनिया चाहती है कि आपदा के बाद नेपाल फिर खड़ा हो – सह सरकार्यवाह जी

नेपाल में आए भूकम्प के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले राहत कार्यों का मार्गदर्शन करने नेपाल गए थे। उन्होंने पीडि़तों के दु:ख-दर्द को साझा किया, उनकी आवश्यकताओं की जानकारी ली और हिन्दू स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों में हाथ बंटाया। नेपाल से दिल्ली लौटने पर साप्ताहिक पाञ्चजन्य … Continue reading दुनिया चाहती है कि आपदा के बाद नेपाल फिर खड़ा हो – सह सरकार्यवाह जी


अंग्रेजों ने भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को मिथक बना दिया – जगदीश उपासने जी

शिमला। इंडिया टुडे के पूर्व संपादक जगदीश उपासने जी ने कहा कि अंग्रेजों ने गौरवपूर्ण भारतीय इतिहास को मिथकीय बना दिया। आज पूरा विश्व भारत के पवित्र शास्त्रों की खोज में लगा है, पाणिनी के सूत्र से आईबीएम सॉफ्टवेयर कंपनी ने अपनी कंपनी के प्रमुख सॉफ्टवेयर को विकसित किया है। उपासने जी ने भारतीय इतिहास … Continue reading अंग्रेजों ने भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को मिथक बना दिया – जगदीश उपासने जी


नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिये 1600 से अधिक स्वयंसेवक कार्य में जुटे

दिल्ली, 18 मई। राष्ट्रीय सेवा भारती के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश टोंक, सेवा इंटरनेशनल के संयोजक श्याम परांडे जी ने राष्ट्रीय सेवा भारती दिल्ली के कार्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि 25 अप्रैल 2015 को विनाशकारी भूकंप ने हमारे पड़ोसी देश में लगभग 15 हजार लोगों की जान ले ली, हजारों घरों को … Continue reading नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिये 1600 से अधिक स्वयंसेवक कार्य में जुटे


गंगा की अविरलता ही गंगा की निर्मलता और रक्षा का एकमात्र मार्ग

हरिद्वार। प्राचीन श्रीराम मन्दिर, भोपतवाला में विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक के प्रथम सत्र में दो प्रस्ताव – गंगा की अविरलता ही गंगा की निर्मलता और रक्षा का एकमेव मार्ग है, श्वेत क्रान्ति और भारत के गांव व गरीब किसान के विकास का मूलाधार गोवंश की रक्षा में सन्निहित है, पारित … Continue reading गंगा की अविरलता ही गंगा की निर्मलता और रक्षा का एकमात्र मार्ग


समतायुक्त, शोषण मुक्त समाज के निर्माण का काम संघ कर रहा है – डॉ मोहनजी भागवत

नागपुर। सरसंघचालक पपू। डॉ मोहन जी भागवत ने कहा कि भारत में, हर क्षेत्र में आज बदलाव का अनुभव हो रहा है। दुनिया में भारत की मान-प्रतिष्ठा बढ रही है, भारत के प्रति दुनिया की आशा-आकांक्षा बढ़ रही है। सरसंघचालक जी रेशिमबाग परिसर में तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समारोप कार्यक्रम में संबोधित कर … Continue reading समतायुक्त, शोषण मुक्त समाज के निर्माण का काम संघ कर रहा है – डॉ मोहनजी भागवत


संघ के वरिष्ठ प्रचारक व पत्र-यात्री शरद लघाटे का निधन

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी तथा पत्र यात्री के नाम से ख्याति प्राप्त शरद लघाटे जी का 30 मई रात्रि को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया। 75 वर्षीय लघाटे जी पिछले कुछ समय से मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित थे। दिल्ली के ग्रीन … Continue reading संघ के वरिष्ठ प्रचारक व पत्र-यात्री शरद लघाटे का निधन


प्रशंसा पत्र
प्रो. प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमंत्री हि.प्र. (जनवरी 2008)

मातृवंदना के 3 लाख पाठकों में से मैं भी एक नियमित पाठक हूं और मैं तो उस दिन प्रसन्न हूंगा जब हिमाचल के 60 लाख लोग इसे पढेंगे और घर- घर में संस्कार देने वाली पत्रिका उपलब्ध होगी. तभी भारत की संस्कृति सुरक्षित होगी और हिन्दू संस्कृति भी खिलेगी.


डॉ. मोहनराव भागवत, सरसंघचालक रा.स्व.संघ (अप्रैल 2003)

मातृवन्दना जैसी जागरण पत्रिकांएं देश भर में तीन लाख से अधिक गांव मेें जा रही हैं और समाज का विश्वास प्राप्त कर रही हैं जबकि दूसरी ओर अन्य प्रचार माध्यम अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं।


हरि राम धीमान नालागढ

मातृवन्दना की वेबसाईट शुरू होने पर बहुत बहुत बधाई। इससे पत्रिका का और विस्तार होगा। आज के युग में जिन लोगों के पास पुस्तकें पढने के लिये समय नहीं है, नेट पर मातृवन्दना उपलब्ध होने से उन्हे भी लाभ होगा.


श्री वी.एस.कोकजे पूर्व राज्यपाल,हि.प्र.

वास्तव में मातृवन्दना जैसी पत्रिका और इस तरह की पत्रकारिता की आवश्यकता है ताकि लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की जानकारी मिल सके।


Dr Nitin Vyas

मैं पिछले दो साल से मातृवंदना का एक सतत पाठक हूँ. यह हमारी विचारधारा का वास्तविक दर्पण है कह सकते हैं. नए भारत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है यह पत्रिका.


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