संघ यानि सामूहिकता, एकात्मता, आत्मीयता का बोध – सह सरकार्यवाह जी सिलीगुड़ी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह वी भगैय्या जी ने कहा कि कभी नक्सलवाड़ी से गरीब श्रमजीवियों को ससम्मान जीने के लिये एक आंदोलन खड़ा किया गया था। जो माओवाद पर आधारित था। इस हिंसक आन्दोलन से समाज के गरीबों, शोषितों, मजदूरों और वनवासियों का किसी तरह का कोई हित साध्य नहीं हुआ। आज उसी स्थान पर संघ शिक्षा वर्ग का आयोजन हो रहा है। संघ समाज के समस्त वर्गों का सम्मान करता है। सह सरकार्यवाह जी सारदा विद्या मंदिर नक्सलवाड़ी में उत्तर बंग प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के उद्घाटन समारोह में संबोधित कर रहे थे। भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर वर्ग का शुभारंभ हुआ। इस साल सभी संघ शिक्षा वर्गों में शिक्षार्थियों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। हिंसक आन्दोलन को छोड़कर देशभक्ति के भाव से सामूहिक उन्नयन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि संघ यानि सामूहिकता, एकात्मता का बोध, दूसरों के प्रति मित्रता, आत्मीयता का बोध। संघ शिक्षा वर्ग में इसी का प्रशिक्षण और प्रत्यक्ष आचरण की कला सीखने को मिलती है। भारत को महान, विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाना है तो यहां के व्यक्ति को महान बनना पड़ेगा। साथ ही शरीर भी स्वस्थ, बलवान हो। हम सबको शुद्ध, स्वच्छ, पवित्रता के साथ महावीर हनुमान जैसे बलवान, शीलवान, व सामर्थ्यवान बनना है। दुनिया में शांति, स्थिरता, एकात्मता के लिये भी यह आवश्यक है। जैसे हमारे सुभाषित में भी है……।।परोपकाराय फलंति वृक्षा:, परोपकाराय दुहति गाव:, परोपकाराय वहंति नद्य:। उन्होंने कहा कि नर से नारायण, यही सही मायने में हिदुत्व है। संघ इसी का काम कर रहा है। संघ शिक्षा वर्ग में भी इसी का प्रशिक्षण दिया जाता है। मुख्य अतिथि श्यामल पाल चौधरी ने कहा कि ऐसे अनुष्ठान में शिरकत कर प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। अवसर उपलब्ध करवाने के लिये कार्यकर्ताओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। संघ शिक्षा वर्ग में 106 स्थानों से 148 शिक्षार्थी भाग ले रहे हैं। सभी शिक्षार्थी 40 वर्ष से कम आयु के हैं। इस दौरान सिलीगुड़ी विभाग सह संघचालक, अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अद्वैत चरण दत्त, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रमापद पाल, प्रांत कार्यवाह प्रदीप चंद्र अधिकारी, वर्गाधिकारी विमलेंदु दास उपस्थित थे।