बिना किसी अपेक्षा के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना ही स्वयंसेवकों का ध्येय रहता है – इंद्रेश कुमार जी शिमला (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में महिलाएं सेविका समिति के माध्यम से काम रही है. उन्होंने कहा कि संघ का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक में चरित्र निर्माण करना है, इसके लिए ही यह वर्ग आयोजित किए जाते हैं. इसमें प्रशिक्षण लेकर स्वयंसेवक समाज में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार होते हैं. बिना किसी अपेक्षा के निःस्वार्थ भाव से सेवा करना ही स्वयंसेवकों का ध्येय रहता है. यही कारण है कि समाज में आने वाली आपदाओं के समय संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले सेवा को पहुंचते हैं. इंद्रेश जी शनिवार 28 जनवरी को हिमरश्मि विद्या मंदिर परिसर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (हिमाचल प्रांत) के समारोप कार्यक्रम में स्वयंसेवकों व नागरिकों को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत एडीजीपी कश्मीर चंद सडयाल जी उपस्थित रहे. इंद्रेश कुमार जी ने समरसता पर कहा कि छुआछूत को जो धर्म मानते हैं, वे सबसे बड़े अधर्म करने वाले हैं. छुआछूत को मिटाने में महात्मा गांधी के प्रयासों का उदाहरण दिया. आरक्षण पर संघ के विचार पर कहा कि संघ सदा से ऐसे लोगों के विरोध में रहा है जो पैसे का उपयोग करके नौकरियां या शैक्षणिक संस्थाओं में स्थान पा जाते हैं. संविधान के अंतर्गत दिए जाने वाले आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि वर्षों से अपने समाज के बंधु शोषित और पीडि़त रहे हैं उनको आरक्षण की सुविधा मिलनी चाहिए. 08 जनवरी से 28 जनवरी तक चले संघ शिक्षा वर्ग में हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्यों से शिक्षार्थी शामिल रहे. समारोप कार्यक्रम में अनेक प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया. ध्वज प्रदक्षिणा, योगासन, निःयुद्व, दण्ड, दण्डयुद्व, निःयुद्व, पदविन्यास, खेल व घोष का स्वयंसेवकों ने प्रदर्शन किया. मुख्य अतिथि केसी सडयाल जी ने कहा कि उनको इस बात की बेहद खुशी है कि माईनस 3 डिग्री तापमान में चले वर्ग में संघ के स्वयंसेवकों के हौंसलों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं दिखाई दी. जहां भारी बर्फबारी के कारण पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी प्रभावित हो गयी थी, वहीं इस परिसर में न तो व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की कोई कमी नजर आयी और न ही किसी प्रकार की किल्लत से किसी को जूझना पड़ा. उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि उनको पहली बार ही शाखा कार्यक्रम देखने को मिला, और स्यवंसेवकों का उत्साह देखते ही बनता था. संघ के कार्यों को उत्साहवर्धक मानते हुए कहा कि संघ समय के साथ परिवर्तनशील है. निःस्वार्थ सेवा द्वारा संघ का कार्य बढ़ाने के लिए स्वयंसेवकों के कठिन जीवन को एक आदर्श बताया. संघ शिक्षा वर्ग में वर्गाधिकारी रहे सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रीतम चंद कपूर ने कहा कि यहां पर स्वयंसेवकों ने 20 दिन सतत साधना की, जिसके परिणामस्वरूप यह वर्ग प्रत्येक शिक्षार्थी के जीवन भर के लिए एक महत्वपूर्ण यादगार क्षण बन गया है. आयोजकों का धन्यवाद किया जिस कारण उनको वर्ग में वर्गाधिकारी के रूप में शामिल होने का मौका मिला. कार्यक्रम में हिमाचल प्रांत संघचालक कर्नल रूपचंद जी, प्रांत कार्यवाह किस्मत कुमार जी, प्रांत प्रचारक संजीवन कुमार जी, वर्ग कार्यवाह प्रताप सिंह जी सहित अनेक गणमान्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे.