लेख हिमाचल की हेला या बुआरा प्रथाएक युग था जब हिमाचल के गांवों में सारा काम काज एक इकाई के अधीन होता था। गांव का हर व्यक्ति एक दूसरे से जुड़ा रहता था। उन सब में...Continue reading →समरसता के निर्माण में देव संस्कृति हो सहायकलोक संस्कृति समाज की जीवन रेखा है। सम्बद्ध समाज को सरस, सहिष्णु और समरस बनाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। हिमाचल की लोक-संस्कृति स्वयं में विशिष्टता लिए हुए है...Continue reading →सहअस्तित्व की भावना ही सामाजिक समरसताहिमाचल एक पहाड़ी प्रदेश है। देवभूमि के नाम से विख्यात यह प्रदेश अपनी समृद्ध धार्मिक-सांस्कृतिक परम्पराओं के लिए देश दुनिया में जाना जाता है। देव संस्कृति आधारित समाज जीवन व्यवस्था...Continue reading →अमर बलिदानी श्री गुरु अर्जुनदेव जी एक जीवन परिचय !! बलिदान दिवस पर शत शत नमनशांति के पुंज, शहीदों के सरताज, सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देव जी की शहादत अतुलनीय है। मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के...Continue reading →कर्म करने की प्रेरणा देती है भगवद्गीता(21 दिसंबर, गीता जयन्ती पर विशेष) “जब शंकाएं मुझ पर हावी होती हैं, और निराशाएं मुझे घूरती हैं, जब दिगंत में कोई आशा की किरण मुझे नजर नहीं आती, तब...Continue reading →दिग्विजय से पायें विश्व विजय की प्रेरणा'मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ ये कहावत जितनी व्यक्ति पर लागू होती है, उतनी ही समाज पर भी लागू होती है। विजय की आकांक्षा व विजय...Continue reading →विख्यात पत्रकार जिलानी केराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लक्ष्य सम्पूर्ण समाज को संगठित कर अपने हिन्दू जीवन दर्शन के प्रकाश में समाज की सर्वांगीण उन्नति करना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य किसी भी...Continue reading →मदर टेरेसा का ईसाई मिशनरीजकानून के विरोध में ईसाई मिशनरियों ने कोलकाता में प्रदर्शन करने व जुलूस निकालने शुरु किये। लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ, जब मदर टेरेसा भी इन प्रदर्शनों में अग्रिम पंक्तियों...Continue reading →