समाज कार्य रूपी यज्ञ में तपस्या गुप्त सरस्वती की तरह सतत जारी रहनी चाहिये – डॉ. मोहन भागवत जी चित्रकूट (विसंकें). चार दिवसीय विशाल ग्रामोदय मेले का समापन राष्ट्रऋषि नानाजी की सातवीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित जन संवाद कार्यक्रम के साथ हुआ. संवाद कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी के साथ ही केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रुढ़ी उपस्थित थे. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि पहले से ही चित्रकूट एक तीर्थ है, आधुनिक समय में भी नानाजी की तपस्या और आप सबके उद्यम से आधुनिक युग में भी यह तीर्थ बन गया है. विकास सब चाहते हैं, यह पहले तय करना पड़ता है. विकास का नाम सबका एक सा नहीं होता. जब हम भारत के विकास की बात करते हैं तो विकास की दृष्टि लेकर विचार करना चाहिये. हमारे यहां धन का महत्व दान है और शक्ति का सुरक्षा में है. सरकार की नीतियां बहुत परिणाम करती हैं. लेकिन उसको बनाने वाला आम नागरिक है. सरकार पहले भी थी और आज भी है. योजनाएं पहले भी थीं और आज भी हैं. लेकिन नानाजी ने सबको जगाने का काम किया है. भगवान की कृपा भी तब मिलती है, जब हम कुछ करते हैं. नानाजी ने भी यही किया कि ग्राम समितियां बनाई, समाज के सहयोग से समाज का काम खड़ा किया, लोग कहते हैं हम समाज का काम करते हैं. समाज क्या है, हम ही समाज हैं. हम अपना काम करते हैं. नानाजी कहते थे कि सामाजिक कार्यकर्ता को अपना काम नहीं करना, बल्कि अपनों के लिये काम करना है. जो काम तीन-तीन पंचवर्षीय में नहीं हो पाया, वह समाज शिल्पी दंपत्ति के माध्यम से तीन साल में हो गया. सरसंघचालक जी ने कहा कि शासन की नीति, प्रशासन की कृति और समाज का चलना, ये तीनों समाज के विकास स्तम्भ यहां पर खड़े हैं. जिसकी वजह से चित्रकूट में नंन्दन वन खड़ा हो गया है. तपस्या की गुप्त सरस्वती जारी रहे और उसी विकास के विचार को लेकर आगे आने वाली पीढ़ी तैयार होती रहे. कार्यक्रम की भूमिका में विनय सहस्त्रबुद्धे जी ने कहा कि संवाद नानाजी के जीवन का अहम पहलू था. जिसके आधार पर नानाजी ने एक आदर्श प्रस्तुत किया. राजनीति से समाजनीति में आने वाला समाज के सभी पहलुओं से जुड़ाव करता है, यही नानाजी ने किया. दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन जी ने बताया कि नानाजी की सातवीं पुण्यतिथि पर आयोजित भण्डारे को हर वर्ष की भांति जनसहभागिता से सम्पन्न करने के लिये संस्थान के द्वारा चित्रकूट के पचास किलोमीटर की परिधि में आने वाले ग्राम केन्द्रों एवं अन्य जनमानस से अनुरोध किया था कि इस यज्ञ में हर घर से एक मुठ्ठी अनाज एवं एक रुपया अंशदान स्वप्रेरणा से आना चाहिये. संस्थान के अनुरोध पर बारह हजार परिवारों ने सौ क्विंटल से भी अधिक अनाज एवं नौ लाख रुपये से भी अधिक अंशदान पुण्यतिथि के भण्डारे के लिये एकत्र किया. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान की योजना से नानाजी की कर्मभूमि में यह विशाल मेला सम्पन्न हो रहा है. इस सब के लिये आप धन्यवाद के पात्र हैं. आजादी के बाद ग्रामीणों के समग्र विकास की बातें तो होती रही एवं सरकारों द्वारा प्रयास भी होते रहे. लेकिन महात्मा गांधी, विनोवाभावे के समग्र ग्राम विकास के चिंतन को जनता की पहल एवं पुरुषार्थ के आधार पर एकात्म मानव दर्शन के अनुरूप दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यम से एक रचनात्मक रुप दिया, महापुरुष ऋषि नानाजी ने. इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों द्वारा नानाजी के जीवन पर तैयार सचित्र कथा पुस्तक का विमोचन, स्वदेश समाचार पत्र ग्वालियर द्वारा तैयार दिव्य देह की ओर नानाजी विशेषांक का विमोचन भी हुआ. जनसंवाद कार्यक्रम के समापन के पूर्व ग्रामोदय मेला के व्यवस्थापक वीरेन्द्र सिंह जी ने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया. सर्वे भवन्तु सुखिनः ………. से जनसंवाद कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद अखण्ड रामचरित मानस की पूर्णाहुति के बाद नानाजी की सातवीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित भण्डारे में प्रसाद ग्रहण किया. कार्यक्रम में मप्र के ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस, लघु उद्योग मंत्री संजय पाठक, झारखण्ड के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकण्ठ मुण्डा, बुन्देलखण्ड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया, दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेन्द्रजीत सिंह, छतीसगढ़ योजना आयोग के अध्यक्ष चन्द्रशेखर साहू, राज्य सभा सदस्य विनय सहस्त्र बुद्धे, राष्ट्रीय स्वयं सघ के क्षेत्र प्रचारक, क्षेत्र संघ चालक अशोक सोहानी जी, रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र, सद्गुरू संघ सेवा ट्रस्ट डॉ. बीके जैन, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नरेशचन्द्र गौतम, जगदगुरू रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेशचन्द्र दुबे, सांसद आरके सिन्हा, पूर्व सांसद आरके पटेल, दीनदयाल शोध संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. भरत पाठक, सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. चित्रकूट की 50 किलोमीटर की परिधि में आने वाले ग्राम स्वावलम्बन केन्द्रों से आये ग्रामीण जनों ने जनसंवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सबके समक्ष अपने प्रश्न रखे, जिनका उत्तर उचित समाधान के साथ मंच से किया गया. प्रश्नों के क्रम में सेमरिया से आई प्रधान दिव्या त्रिपाठी ने प्रश्न किया कि सतना जिले के अंतर्गत हमारे अधिकतर ग्रामों की बच्चियों की शिक्षा पूर्व माध्यमिक एवं माध्यमिक से आगे नहीं हो पाती, कारण कोई महाविद्यालय नहीं है. इसका उत्तर, महिला विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने दिया – सरकार की ओर से इस दिशा में सतत् प्रयास चल रहे है, आपके क्षेत्र में भी शीघ्र ही बच्चियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था हो जाएगी. इसी प्रकार सभी प्रश्नों के उचित समाधान के साथ जनसंवाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.