प्रशंसा पत्र मैं पिछले दो साल से matrivandna का एक सतत पाठक हूँ. मैं यह हमारी विचारधारा का वास्तविक दर्पण है कह सकते हैं. नए भारत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है यह पत्रिका. गुरुजी का भारत. दीनदयाल Dr Nitin Vyas मातृवन्दना जैसी जागरण पत्रिकांएं देश भर में तीन लाख से अधिक गांव मेें जा रही हैं और समाज का विश्वास प्राप्त कर रही हैं जबकि दूसरी ओर अन्य प्रचार माध्यम अपनी विश्वसनीयता खोते जा रहे हैं। Rakesh verma मातृवन्दना की वेबसाईट शुरू होने पर बहुत बहुत बधाई। इससे पत्रिका का और विस्तार होगा। आज के युग में जिन लोगों के पास पुस्तकें पढने के लिये समय नहीं है, नेट पर मातृवन्दना उपलब्ध होने से उन्हे भी हरि राम धीमान नालागढ वास्तव में मातृवन्दना जैसी पत्रिका और इस तरह की पत्रकारिता की आवश्यकता है ताकि लोगों को स्वतंत्रता सेनाननियों के योगदान की जानकारी मिल सके। श्री वी.एस.कोकजे पूर्व राज्यपाल,हि.प्र. I am a continous reader of matrivandna from last two years. i can say it is the real mirror of our Ideology. this magzine playing an important role for the development of new bharat. Bharat of Guruji Bharat of Deen Dayal ji Bharat of our own culture. Dr Nitin Vyas