जयपुर में पुनः अपने मूल स्थान पर विराजे रोजगारेश्वर महादेव जयपुर (विसंकें). त्रिवेणी धाम के पूज्य नारायणदास जी महाराज ने प्रातः 10.15 बजे रोजगारेश्वर महादेव की शिव पंचायत सहित पुनः मूल स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा की तो छोटी काशी हर-हर महादेव, बम-बम भोले के जयकारों से गुंज उठी. पूज्य नारायण दास जी महाराज ने कहा कि रोजगारेश्वर महादेव मन्दिर की पुर्नस्थापना हिन्दू समाज के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है. मंदिर हमारी आस्था के केन्द्र हैं, जिन्हें तोड़ कर सरकारें हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं. वह 10 मार्च को जयपुर में छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर महादेव मंदिर की पुनः प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर उपस्थित समाज बंधुओं को संबोधित कर रहे थे. पूज्य महाराज जी ने कहा कि पूर्व में भी मंदिरों को ठेस पहुंचाने के प्रयास सरकारों ने किए हैं, किन्तु समाज के विरोध के कारण सुप्रीम कोर्ट के निर्देष को भी पुनः बदलना पड़ा. कार्यक्रम की प्रस्तावना मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक बद्री नारायण चौधरी जी ने रखी. तथा समारोह में उपस्थित संतों और समाज बंधुओं का स्वागत डॉ. हेमन्त सेठिया जी ने किया. अन्त में समिति से संबंधित प्रताप भानु सिंह जी ने सहयोग के लिये धन्यवाद प्रस्ताव रखा. 251 जोड़ों ने दी एक लाख आहुतियां प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व रात्रि में पांच प्रमुख यजमानों के साथ कुल 251 जोड़ों ने एक लाख आहुतियां महादेव को अर्पित कीं. प्रातः 8 बजे से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा विधि प्रारम्भ हुई. इससे पूर्व मंदिर को पूर्ण विधान के साथ से गगांजल, गौमय आदि से शु़द्ध किया गया. पूज्य संतों का मिला सानिध्य रोजगारेश्वर महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर पूज्य बाल मुकंदाचार्य जी हाथोज, सियारामदास जी महाराज कनकबिहारी जी का मंदिर गलता गेट, रामदुलारी जी महाराज (बंशी वाले बाबा), अलबेली माधुरीशरण जी महराज, आयोध्यादास जी महाराज, साध्वी समदर्शी जी जामडोली सहित सैकड़ों की संख्या में संतवृंद उपस्थित थे. संतों के साथ ही काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थिति दर्ज करवाकर सहयोग प्रदान किया.