हमको जानें मातृवन्दना (मासिक पत्रिका) का शुभारम्भ जुलाई 1992 में हुआ। इसके पत्रिका के रूप में प्रथम अंक का विमोचन मण्डी (हि.प्र.) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उर्फ रज्जू भैय्या जी ने अप्रैल 1995 में किया। इसके पश्चात् वर्ष 1997 में इसका प्रकाशन शिमला से प्रारम्भ हुआ। हिमाचल प्रदेश के करीब 16 हजार गांवों में लाखों की संख्या में रहने वाली जनता को देश, समाज, इतिहास तथा समय-समय पर घटने वाली विभिन्न घटनाओं की सही सूचनाएं तथा समाचार पहुँचाने का कार्य मातृवन्दना कर रही है। इस समय मातृवन्दना 10 हजार से अधिक गांवों में पहुँच रही है। हर माह 35 हजार प्रतियां प्रकाशित हो रही हैं। हिमाचल प्रदेश के लाखों पाठकों को राष्ट्रीय विचारों व संस्कारों से युक्त कर जागरण का दायित्व बखूबी निभा रही है। मातृवन्दना ने कारगिल शहीद, सामाजिक समरसता, हिमाचल गौरव, सेवा परमो धर्मः, गौ एवं जैविक कृषि, श्री गुरूजी, 1857 की क्रान्तिगाथा, भारत की समृद्ध वैज्ञानिक परम्परा आदि विभिन्न विषयों पर सफलतापूर्वक विशेषांक प्रकाशित किए हैं। इसके साथ ही हर वर्ष वार्षिक पंचांग (कैलेंडर) भी प्रकाशित किया जाता है। मातृवन्दना विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है। हर वर्ष विभिन्न समसामयिक विषयों में निबन्ध प्रतियोगिता, गोष्ठियां, बच्चों की प्रतियोगिताएं, पाठक सम्मेलनों और विरक्षा रोपण कार्योक्रमों का आयोजन किया जाता है।